झारखंड में मत्स्य उत्पादन और योजनायें Fish production and schemes in Jharkhand jpsc mains renesha ias
झारखंड मत्स्य उत्पादन
JPSC Mains
14th JPSC
9661163344
झारखंड मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. इसमें सबसे बड़ा योगदान मछली पालन से जुड़े हुए मत्स्य पालकों का है. हर साल मछली उत्पादन में वृद्धि हो रही है.
*: वर्ष 2023 24 में राज्य में 3 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन था
* वर्ष 2024 25 में बढ़कर 3.63 लाख मैट्रिक टन हो गया और
* 2025 26 में 4.1 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है.
मत्स्य विभाग के अनुसार
👉 झारखंड में अगर लोगों को मछली पालन से जोड़ा जाएगा तो लोगों के पलायन रुकेंगे.
राज्य के बंद पड़ी खदान, तालाब और जलाशयों में केज कल्चर सहित अन्य संसाधनों के जरिए मछली का पालन किया जा रहा है. राज्य के किसानों को पीएम मत्स्य संपदा योजना के जरिए लोगों को अनुदान पर केज, बायोफ्लक्स, रास सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
वर्तमान में 1.73 लाख मछली पालक झारखंड में इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. इन मत्स्य पालकों को वेदव्यास आवास योजना के तहत घर, सामूहिक दुर्घटना बीमा के लिए ₹5 लाख रुपए की बीमा सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.
देवघर के गिधनी में ब्रीड बैंक बनाया जा रहा है जहां किसान मेल फीमेल मछली ले जाकर बी का उत्पादन कर सकते हैं.
राज्य के लगभग 7000 किसानों को मछली के बीज उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
* केंद्र सरकार की मत्स्यन से संबंधित योजनाएं 🇮🇳
1) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
2) मत्स्य विस्तार, अनुसंधान और प्रशिक्षण योजना
3) मत्स्य मित्र योजना
* समुदाय आधारित मत्स्य पालन को बढ़ावा
4) नीली क्रांति योजना
आधुनिक पद्धतियों को प्रोत्साहित करना
5) मत्स्य कृषक विकास एजेंसी (FFDA)
* वित्तीय सहायता के साथ एजेंसी के द्वारा प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है.
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Ravi sir
RENESHA IAS
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